Pyāsa kyoṃ nahīṃ bujhatī?

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Rāja Pabliśiṅga Hāūsa, 1991 - Short stories, Hindi - 158 pages

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Contents

क्रमांक कथाएं पृष्ठ संख्या 1 वेश्या
1
अपंग
8
स्थानान्तरण
20

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Common terms and phrases

अनुभव अपनी अपने अब अभी आगे आज आप आया इस इसलिए उस उसका उसकी उसके उसने उससे उसे एक एवं ऐसा ओर और कब कभी कमरे में कर करके करता करते करने कहकर कहने कहा कहीं का कारण कि किन्तु किया किसी की कुछ के लिए को कोई क्या क्यों खिड़की गई गए घर जब जा जाता जीवन जो टामसन ठीक तक तब तरह तुम तुम्हारे तुम्हें तो था कि दादा दिया दी दे देखा दो दोनों न जाने नहीं नहीं है नाम ने ने कहा पर परिवार पापा पास पूछा प्रेम फिर बहुत बात बाद बाहर भी मन मम्मी मुकेश मुझे में मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यदि यह या ये रहा था रहा है रही थी रात लगा लगी लिया वह विजय विवाह व्यक्ति शायद सब समय साथ सामने सूरज से हम हर हाथ ही हुआ हुई हुए हूं है हैं हो गया होगा होता है होती

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